bandwidth क्या है | bandwidth कैसे काम करता है
इंटरनेट हमारे लाईफ का एक ऐसा जरूरी हिस्सा बन गया है जैसे सोना जागना और खाना पीना, आज हमे अपनी छोटी सी छोटी जरूरत को भी पूरा करने के लिए हमे इंटरनेट की जरूरत पड़ती हैं।
इंटरनेट एक बोहोत बड़ा इलेक्ट्रॉनिक जाल है जो की वाइल्ड और वायरलेस दोनों तरह का होता हैं दोनो ही स्तिथि में इंटरनेट का इस्तमाल करते होए हम कई बार एक शब्द को सुनते है जो है बैंडविड्थ हममे से कई लोग नही जानते कि ये बैंडविड्थ होता क्या है।
तो आज हम इस लेख में इसी के बारे में जानेंगे की bandwidth क्या है ये bandwidth कैसे काम करता है और इसको कैसे और क्यू मापा जाता हैं, इसका चिन्ह क्या है इसका इस्तमाल कहा और कैसे किया जाता हैं, इसलिए दोस्तो इस लेख को पूरा पढ़िए। चलिए शुरू करते है और सबसे पहले जानते है की बैंडविड्थ क्या है।
bandwidth क्या है | bandwidth कैसे काम करता है
एक निश्चित समय में कितना डेटा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पोहचाया गया है इसे मापने की विधि को बैंडविड्थ कहते हैं।आम तौर पर बैंडविड्थ को बाइट्रेट के रूप मे वक्त किया जाता हैं और इसे बीड्स प्रति सेकंड में मापा जाता हैं।
बैंडविड्थ शब्द किसी कनेक्शन के सज्जनक क्षमता अर्थात ट्रांसमिशन कैपेसिटी को व्यक्त करता हैं, जब इंटरनेट कनेक्शन की गुणवत्ता और गति की बात आती है तो यह एक महत्वपूर्ण कारक हैं।
bandwidth कहा कहा और किस किस रूप मे इस्तमाल किया जाता है
अब हम जानेंगे ही बैंडविड्थ का कहा कहा और किस किस रूप मे इस्तमाल किया जाता है कंप्यूटर में इंटरनेट के अलावा कई अन्य तक्नीकी क्षेत्रों में बैंडविड्थ का उपयोग किया जाता हैं।
उदाहरण के लिए सिग्नल प्रोसेसिंग के क्षेत्र मे इसका इस्तमाल ट्रांसमिशन के उपरी और निचले आवर्तीयो फ्रीक्वेंसी के बीच का अंतर को बताने के लिए होता हैं।
ये ट्रांसमिशन रेडियो का भी हो सकता हैं, आम तौर पर इस स्तिथि में इसे हार्ज्ट्स में मापा जाता हैं पाईप से बहने वाले पानी को मापने के संदर्भ बैंडविड्थ का उपयोग किया जाता हैं।
ऐसे स्तिथि में प्रति सेकंड बीड्स के बजाय गॅलेन प्रति मिनिट दर से इसे मापा जा सकता हैं, जैसा कि हमने उपर बताया बैंडविड्थ को मुळ रूप से बीड्स प्रति सेकंड में मापा जाता हैं और इसे B P S के रूप मे व्यक्त किया जाता हैं।
हाला की आज कल बैंडविड्थ को व्यक्त कर पाना बोहोत ही आसान हो गया है, आज कल नेटफ्लैक्स बोहोत अधिक बैंडविड्थ कैपेसिटी वाले होते है और इनको छोटी इकाईओ का उपयोग करके असानी से व्यक्त किया जा सकता हैं।
अब मैट्रिक्स के ऐसे बड़े नंबर्स को देखना आम हो गया हैं जैसे कि एमएम बी पी एस मेगा बीड्स प्रति सेकंड, जी बी पी एस गीगा बीड्स प्रति सेकंड या टी बी पी एस टेरा बाइट्स प्रति सेकंड के रूप मे होते हैं।
और टेरा बाइट्स के बाद पेटाबीट, एक्साबीट, झीटाबीट, और योधाबीट आते हैं जिसमे प्रत्येक दस की अधिरिक पॉवर का प्रतिनिध्व करते हैं।
bandwidth को मापने की विधि क्या है?
और अब जानते दोस्तो बैंडविड्थ को मापने की विधि क्या है बैंडविड्थ को मापने के बोहोत अलग अलग तरीके है आम तौर पर बैंडविड्थ को मापने के लिए सॉफ्टवेयर या फ्याबवेयर और एक नेटवर्क इंटरफेज का उपयोग किया जाता हैं।
उदाहरण के लिए सामान्य बैंडविड्थ मापन के लिए टी टी सी पी और पी आर डी जी नेटवर्क मॉनिटर टेस्ट का उपयोग शामिल हैं।
टी टी सी पी दो होस्ट सेंडर और रिसीवर के बीच आई पी नेटवर्क पर प्रभाव क्षमता को मापता हैं अर्थात दोनो नेटवर्क के बीच कितनी गतीसे संपर्क हो रहा है इसको मापता हैं।
दोनो होस्ट एक तरफ की यात्रा करने में लगे बाइट्स के संख्या और कुल समय को प्रतिशिक करते हैं।
बी आर डी जी का उपयोग लंबे अंतराल को मापने के लिए किया जाता हैं ये ग्राफिकल इंटरफेज और चाट के जरिए बैंडविड्थ को दर्शाता हैं, साथ ही मे बीड्स इंटरफेज के बीच के ट्रैफिक को भी मापता हैं।
आम तौर पर बैंडविड्थ को मापने के लिए एक विशेष अवधि के दौरान भेजे गए और प्राप्त किए गए ट्रैफिक के कुल मात्रा को गिना जाता हैं,परिणाम के स्वरूप इसे प्रति सेकंड माप संख्या के रूप मे व्यक्त किया जाता हैं।
बैंडविड्थ को मापने का अन्य तरीका यह है कि निश्चित साइज के कुछ फाइलो ट्रांसफर किया जाय और देखा जाय की ट्रांसफर मे कुछ कितना समय लग रहा है, इसके बाद परिणाम को बी पी पी एस में परिवर्तित किया जाता हैं जिसके लिए फाइल के साइज को टोटल लगे समय से भाग दिया जाता हैं।
अधिकतर कंप्यूटर में इंटरनेट स्पीड टेस्ट करने के लिए इसी विधि का उपयोग किया जाता हैं।
bandwidth काम कैसे करता है?
और अब हम जानेंगे कि बैंडविड्थ काम कैसे करता है टेली कम्युनिकेशन सेंटर को बैंडविड्थ का कहा कहा और किस किस एप्लीकेशन मे इस्तमाल होना है और इसके लिए कितना बैंडविड्थ लगेगा इसका पता लगाना होता हैं।
इसके लिए दो तरीके है नंबर वन पाहिले तो वे पता लगाती है कि कितना बैंक वर्थ नेट वर्थ उपलब्ध हैं इसे बीड्स प्रति सेकंड मे ही व्यक्त किया जाता हैं।
नंबर टू एबिकएप्लीटेशन को अवसर कितने बैंडविड्थ की जरूरत है ये तय किया जाता हैं ये भी बीड्स प्रति सेकंड में व्यक्त होता हैं।
बैंडविड्थ नेटवर्क जितना बड़ा होगा उससे एक बार में उतना ही अधिक डेटा भेज सकते है और प्राप्त कर सकते है।
बैंडविड्थ काम कैसे करता है इसका अंदाजा इस उदाहरण से लगाया जा सकता है की एक पानी का पाईप जितना बड़ा होगा उसमे से उतना ही अधिक पानी बह सकेगा।
बैंडविड्थ इसी सिद्धांत पर काम करता है कि नेटवर्क का जितना बड़ा कम्युनिकेशन लिख होगा वो एक सेकंड में उतना ही अधिक डेटा ट्रांसफर कर सकेगा।
bandwidth और स्पीड में क्या अंतर है?
बैडविड्थे और स्पीड मे कई बार कंफ्यूजन हो जाता है बैंडविड्थ से मतलब है कि कितनी इनफॉर्मेशन आपने एक सेकंड में पाई हैं जब कि स्पीड का मतलब है कि कितनी तेज गति से इस इनफॉर्मेशन को डाउनलोड या प्राप्त किया गया है।
हम इसे एक उदाहरण से समझ सकते है मान लीजिए हमे पानी से एक बाल्टी भरनी है इसे भरने के लिए हम चौड़े मुंह वाले नल का उपयोग करते है तो बाल्टी जल्दी भरेगी बजाय पतले नल के इस्तमालसे।
इसमें बैंडविड्थे को आप पानी समझिए और जिस गतीसे पानी बाल्टी मे जा रहा है उसे स्पीड समझिए बैंडविड्थ की और स्पीड की इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए स्पीड को नेटवर्क स्पीड कहा जाता हैं नकी की बैंडविड्थ स्पीड।
bandwidth को क्यू मापा जाता हैं?
कई कारणों से बैंडविड्थ को मापने की जरूरत होती हैं मान लीजिए आपने इंटरनेट कनेक्शन किस कंपनी से खरीदा और अब आपको यह जाचना होता है की जितनी इंटरनेट स्पीड का वादा किया गया था वो पूरा हो भी रहा है या नहीं।
तब हम बैंडविड्थ को मापने की जरूरत पड़ती हैं ऑनलाइन बैंडविड्थ टेस्ट के लिए डिएसेल रिपोर्ट स्पीड टेस्ट का उपयोग किया जाता हैं।
यह दिखने के लिए की कंपनी जिस फोर्टी एम बी पी एस पर सेकंड का वादा किया है जिसके लिए उन्होंने रुपया लिया है वो पूरा हो भी रह है या नहीं।
bandwidth प्रबंधन की जरूरत क्यू है?
दूर संचार कंपनियों से सबसे अधिक बैंडविड्थ खरीदी जाती हैं अधिकाश बैंडविड्थ को अप्टो केहकर बेचा जाता हैं जैसे अप्टो फोर्टी एम बी पर सेकंड जिसका मतलब है कि ग्राहक को चालीस एमबी पर सेकंड तक की स्पीड मिल सकती हैं।
लेकिन करेक्शन का उपयोग करते समय हमेशा यहीं स्पीड रहे यह जरूरी नहीं अलग अलग समय पर या अलग अलग परिस्थिति में स्पीड जादा या काम हो सकती हैं।
bandwidth कनेक्शन लेने के तरीके क्या क्या है।
बैंडविड्थ जो की कम्युनिकेशन का बड़ा साधन हैं वे आम तौर पर महीने के हिसाब से बेचा जाता हैं सब्सक्राइबर महीने के हिसाब से अपना प्लान चुनता है।
हालाकि लोग आपने जरूरत के हिसाब से जादा बैंडविड्थ लेने के लिए इस अलग से भी खरीदते हैं ऐसे बैंडविड्थ को बैंडविड्थ ऑन डिमांड कहा जाता हैं।
बैंडविड्थ ऑन डिमांड एक ऐसा तरीका है जिससे आप बिना किसी बाधा से अपना काम कर सकते हैं इंटरनेट पे खूप ट्रैफिक होनेके बाद में भी।
बैंडविड्थ ऑन डिमांड का उपयोग जादातर वाइल्ड एरिया नेटवर्क वेन मे क्या जाता हैं ताकि किसी जरूरी मौके पर बैंडविड्थ की क्षमता बढ़ाई जा सके इस तरीके का इस्तमाल करके एक शेयर टेली कम्युनिकेशन नेटवर्क पर बैंडविड्थ की क्षमता बढाई जा सकती हैं।
और सस्क्राइबर बस उतने काही भुगतान करता हैं जितना उसने इस्तमाल क्या हैं जादातर सर्विस प्रोवाइडर इस सुविधा को अपने उपभोगता को देते हैं वो जो नेटवर्क लिख सब्सक्राइबर को देते हैं उसमे एक्स्ट्रा बैंडविड्थ का ऑप्शन होता हैं।
कस्टमर जितना बैंडविड्थ का इस्तमाल करता है वो उतने ही रुपए देता है उदाहरण के लिए किसीने सौ एम बी पी एस का कनेक्शन लिया लेकिन उस कनेक्शन मे वन जीबी विड्थ इस्तमाल करने की क्षमता होती हैं।
कस्टमर चाहे तो हंड्रेड एम बी से अधिक इस्तमाल कर सकता हैं कई बार सर्विस प्रोवाइडर एक्स्ट्रा बैंडविड्थ बिना किसी चार्ज के दे देता हैं।
निष्कर्ष
तो दोस्तो मेरी उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा बैंडविड्थ से सबंधित हर जानकारी आपको मिल गई होगी हमारी कोशिश यही रहती है कि जिस भी विषय पर हम लेख बनाते है उसमे सारी जानकारी मिल सके और आपके पास कोई सवाल या सला हो तो हमे जरूर कमेंट करे, हमारा यह लेख पसंद आया है तो जादा से जादा शेयर कीजिए ताकि बाकी लोगों को भी जानकारी मिल सके और Tje24Hindi को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूले और साथ धन्यवाद।
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